
⚖️ 45 दिनों में बीमा राशि बैंक को दे बीमा कंपनी, उपभोक्ता आयोग का बड़ा फैसला
📢 यह फैसला उन उपभोक्ताओं के लिए प्रेरणादायक है जो बीमा कंपनियों की लापरवाही का शिकार होते हैं।
➡️ काशीपुर की आरती भल्ला की शिकायत पर जिला उपभोक्ता आयोग, रुद्रपुर ने बीमा कंपनी और बैंक के खिलाफ निर्णय सुनाया।
➡️ आयोग ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी पॉलिसी की पूरी धनराशि बैंक को अदा करे, जिससे ऋण खाता समायोजित कर शेष राशि शिकायतकर्ता को लौटाई जाए।
➡️ आरती भल्ला के पति सूरज कुमार भल्ला ने 2018 में केनरा बैंक से 12 लाख का हाउसिंग लोन लिया था और 18,463 रुपये प्रीमियम देकर बीमा करवाया गया था।
➡️ 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर में सूरज भल्ला का निधन हो गया। पत्नी ने बीमा दावा किया, लेकिन बैंक ने बीमा कंपनी से संपर्क की बात कहकर मामला टाल दिया।
➡️ बीमा कंपनी ने कोविड-19 को पॉलिसी के दायरे से बाहर बताते हुए दावा खारिज कर दिया।
➡️ इसके बाद आरती ने अधिवक्ता के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया।
➡️ अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय, राज्य आयोग और बीमा नियामक के फैसलों के आधार पर बीमा कंपनी और बैंक की सेवा में कमी को उजागर किया।
➡️ आयोग के अध्यक्ष राजीव खरे और न्यायिक सदस्य नवीन चंद्र चंदोला ने फैसला सुनाया कि बीमा कंपनी 45 दिन में बीमा राशि बैंक को अदा करे।
➡️ बैंक ऋण खाता समायोजित कर बचा हुआ पैसा शिकायतकर्ता को दे और सेवा में की गई कमी की भरपाई अलग से करे।
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*उधम सिंह नगर*